गोरखपुर। कवयित्री मधुमिता हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्वांचल के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई शुक्रवार की देर शाम हो गई। शाम छह बजे तक सारी औपचारिकताएं पूरी कराकर डीएम कार्यालय से जेल प्रशासन के पास रिहाई का आदेश पहुंचा। जेलर, डिप्टी जेलर शाम 6.58 बजे आदेश की कॉपी लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज लेकर रवाना हो गए। शाम 7.20 बजे उनकी रिहाई हो गई।
अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई के लिए डीएम दफ्तर में प्रपत्रों की जांच की गई। पांच बॉन्ड भरे गए। सभी 25 लाख रुपये मुचलके के हैं। इनमें अमनमणि त्रिपाठी, छोटी बहन अलंकृता त्रिपाठी, चचेरा भाई अनंत मणि त्रिपाठी, कृष्ण चंद्र त्रिपाठी और चाचा अजीत मणि त्रिपाठी के नाम के बॉन्ड डीएम दफ्तर में जमा किए गए। आरटीओ अधिकारी डीएम दफ्तर पर ही वैरिफिकेशन करवा गया। प्रक्रिया पूरी होने के बाद रिहाई का आदेश जारी हुआ। बता दें कि कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने के बाद से अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
रिहाई की खबर आने के बाद से उनके आज पूरे दिन समर्थकों में खुशी की लहर देखने को मिली। उत्तर प्रदेश शासन के कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने बृहस्पतिवार को राज्य की 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई संबंधी एक आदेश जारी किया था। उच्चतम न्यायालय ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। अधिकारी ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और जेल में अच्छे आचरण का जिक्र किया है।
गोरखपुर जेल के जेलर एके कुशवाहा ने बताया कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया क्योंकि अमरमणि 66 वर्ष के हैं और मधुमणि 61 वर्ष की हैं। उन्होंने कहा कि दोनों को जेल हिरासत से रिहा कर दिया गया है। लेकिन वे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही रहेंगे।