लखनऊ। अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए दान-पुण्य और अच्छा कार्यों का क्षय नहीं होता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने का महत्व है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन नया काम शुरू करना शुभ माना जाता है। 29 अप्रैल को शाम 5.32 बजे से तृतीया तिथि शुरू होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 2.13 बजे तक तृतीया तिथि रहेगी। उदया तिथि की वजह से अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए कोई भी काम कभी भी शुरू किया जा सकता है। सोना, संपत्ति या वाहन की खरीदारी की जा सकती है। शास्त्रों में इसे युगादि तिथि कहा गया है, यानी इस दिन युग की शुरूआत हुई थी इसलिए इस दिन कोई मुहूर्त दोष नहीं माना जाता है। इस साल अक्षय तृतीया के दिन 3 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। अक्षय तृतीया पर रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शोभन योग बनेंगे, उस दिन शोभन योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजकर 2 मिनट तक है. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा, जबकि रवि योग शाम में 04:18 पी एम से अगले दिन 1 मई को प्रात: 05:40 ए एम तक रहेगा।
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलती है, जबकि रवि योग में सभी प्रकार के दोष मिट जाते हैं क्योंकि इसमें सूर्य देव का प्रभाव अधिक होता है, जो सभी नकारात्मकता को मिटा देता है। 29 अप्रैल को शाम 5.32 बजे से तृतीया तिथि शुरू होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 2.13 बजे तक तृतीया तिथि रहेगी। उदया तिथि की वजह से अक्षय तृतीया 30 अप्रैल, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए कोई भी काम कभी भी शुरू किया जा सकता है। सोना, संपत्ति या वाहन की खरीदारी की जा सकती है। शास्त्रों में इसे युगादि तिथि कहा गया है, यानी इस दिन युग की शुरूआत हुई थी इसलिए इस दिन कोई मुहूर्त दोष नहीं माना जाता है।
अक्षय तृतीया का महत्व
मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन धरती पर गंगा का अवतरण हुआ था। इस दिन से सतयुग, द्वापरयुग, त्रैतायुग की शुरूआत की गणना की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के दशावतार में से छठे रूप भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसी तरह अक्षय तृतीया के दिन से उत्तराखंड में स्थित चार धामों की यात्रा भी शुरू होती है। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले जाते हैं। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन शुरू किए गए कार्यों में दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ोतरी होती है। इसी तरह इस दिन पाप कर्म नहीं करने चाहिए। जिस तरह पुण्य कर्म क्षय नहीं होती हैं इसी तरह पाप कर्म भी मनुष्य के साथ बने रहते हैं।
अक्षय तृतीया पर इस बार भी कोई विवाह मुहूर्त नहीं है
इस बार अक्षय तृतीया पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं है। इसका कारण ये है कि अक्षय तृतीया के दिन गुरू और शुक्र ग्रह दोनों ही अस्त हो जाएंगे। गुरू और शुक्र दोनों ही ग्रह विवाह के कारक माने गए हैं, इसलिए जरूरी है कि विवाह के लिए दोनों ग्रह उदय रहें. बता दें कि साल 2024 यानी पिछले साल भी अक्षय तृतीया पर गुरू और शुक्र ग्रह अस्त हो गए थे। इस कारण पिछले साल भी अक्षय तृतीया पर कोई विवाह मुहूर्त नहीं था। इस साल भी ग्रहों की वजह से वो स्थिति दुबारा बन गई है।
अक्षय तृतीया 2025 सोना खरीदने का शुभ समय
जो लोग अक्षय तृतीया के दिन सोना, चांदी आदि की खरीदारी करना चाहते हैं, वे सुबह में 05:41 ए एम से दोपहर 02:12 पी एम के बीच कर सकते हैं. इसके बाद से तृतीया तिथि का समापन हो जाएगा. इस दिन सोना खरीदने के लिए साढ़े आठ घंटे तक शुभ समय है।