पौष महीने की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरूआत दिसम्बर 18, 2024 को 10:06 ए एम बजे होगी
लखनऊ। हर महीने में एक बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। ये व्रत गणेश को समर्पित है। इस दिन विधिवत गणेश जी की उपासना होती है। इस साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ कार्यों की मनाई होती है। पंचांग के अनुसार, पौष महीने की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरूआत दिसम्बर 18, 2024 को 10:06 ए एम बजे होगी। संकष्टी चतुर्थी तिथि की समाप्ति दिसम्बर 19, 2024 को 10:02 ए एम बजे तक होगी। संकष्टी चतुर्थी की पूजा शाम में की जाती है। इसलिए दिसंबर की संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 दिसंबर को रखा जाएगा।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन क्या करें-
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश भगवान की पूजा करें। प्रभु को दूर्वा चढ़ाएं। तिल के लड्डू या मोदक का भोग लगाएं। इस दिन व्रत न रखा हो तो सात्विक भोजन करने की कोशिश करें। व्रत रखने से पूर्व व्रत रखने का संकल्प जरूर लें। व्रत के सभी नियमों का पालन करें। पारण सूर्योदय के पाश्चात्य करना उत्तम रहेगा। इस दिन भजन-कीर्तन भी किया जाता है।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन क्या न करें?
मास-मदिरा- इस दिन मास-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से भगवान गणेश नाराज हो सकते हैं।
तुलसी- मन्यताओं के अनुसार, तुलसी की पत्तियां भगवान गणेश को नहीं चढ़ाई जाती हैं। इसलिए भूलकर भी इस दिन तुलसी की पत्तियों को भगवान गणेश को अर्पित न करें।
काले वस्त्र- धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। भगवान गणेश की कृपा दृष्टि बनाए रखने के लिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी की पूजा कैसे करें ?
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह शुद्ध पानी से नहा कर साफ कपड़े पहनें.
भगवान गणेश की उपासना मंत्रों और जाप के साथ करें. संध्याकाल में भगवान गणेश की पूजा करें और उसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न करें. पूजा करने के लिए सबसे पहले भगवान गणपती का शुद्ध जल से अभिषेक करें. इसके बाद भगवान को पुष्प अर्पित करें. इसके अलावा भगवान गणेश को दुर्वा अर्पित करें. उसके बाद भगवान गणेश की कथा पढ़ें और दूसरों को भी सुनाएं. आरती कर पूजा का समापन करें. चंद्रोदय के समय चंद्र देवता के दर्शन करें. फिर व्रत का पारण करें।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को चढ़ाएं ये चीजें
मेष राशि: मेष राशि के लोगों को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को गुड़हल के फूल अर्पित करने चाहिए।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातक को इस शुभ दिन पर बप्पा को मोदक का भोग लगाना चाहिए।
मिथुन राशि: मिथुन राशि के लोगों को इस शुभ दिन पर भगवान गणेश को दुर्वा अर्पित करना चाहिए।
कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को सिंदूर अर्पित करना चाहिए।
सिंह राशि: सिंह राशि वालों को इस शुभ तिथि पर विघ्नहर्ता को बूंदी के लड्डू चढ़ाने चाहिए।
कन्या राशि: कन्या राशि के लोगों को इस मौके पर बप्पा को केले का भोग लगाना चाहिए।
तुला राशि: तुला राशि के लोगों को इस पावन तिथि पर भगवान गणेश को लाल वस्त्र अर्पित करना चाहिए।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों को इस शुभ अवसर पर बप्पा को गुलाब के फूल चढ़ाने चाहिए।
धनु राशि: धनु राशि के लोगों को इस शुभ दिन पर केसर मिश्रित खीर का भोग भगवान गणेश को लगाना चाहिए।
मकर राशि: मकर राशि के लोगों को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर बप्पा को नीले फूल अर्पित करने चाहिए।
कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों को इस पावन मौके पर शिव पुत्र को काले तिल के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
मीन राशि: मीन राशि वालों को इस शुभ अवसर पर बप्पा को नारियल और कलावा अर्पित करना चाहिए।