लखनऊ। लोकसभा चुनाव के बाद से समाजवादी पार्टी के संगठन में संभवित उथल-पुथल के अटकलों पर विराम लगते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की सभी इकाइयों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। हालांकि नरेश उत्तम प्रदेश अधयक्ष बने रहेंगे। अखिलेश ने शुक्रवार को एक कार्यालय ज्ञाप जारी करते हुए लिखा है, ‘प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को छोड़ कर, सपा की राज्य कार्यकारिणी व समस्त सम्बद्ध प्रकोष्ठों की प्रदेश कार्यकारिणी, प्रकोष्ठ अध्यक्षों सहित, समस्त जिला/महानगर और समस्त सभी विधानसभा क्षेत्रों की कमेटियां विधानसभा अध्यक्षों सहित तत्काल प्रभाव से भंग की जाती हैं।’
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सपा के चारों युवा संगठनों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भी इसके राष्ट्रीय अध्यक्षों सहित भंग कर दी गई है। इसके अतिरिक्त समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी युवा संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों सहित उनकी कार्यकारिणी भी तत्काल प्रभाव से भंग कर दी है। हालंकि कोई भी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बोल रहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि अब नए सिरे से पार्टी नए लोगों को जिम्मेदारी देने की तैयारी कर रही है। पार्टी सूत्रों की मानें तो फिलहाल यह बदलाव अभी प्रदेश स्तर पर किया गया है। हालांकि कहा जा रहा है कि जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर भी पार्टी में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आते ही अखिलेश यादव ने सबसे पहले प्रवक्ता का पैनल भंग कर दिया था। पार्टी के सारे प्रवक्ताओं को निर्देश जारी किए गए थे कि कोई भी मीडिया में पार्टी की तरफ से अधिकृत बयान जारी नहीं करेगा। हर किसी को मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी गई थी। तब से पार्टी में प्रवक्ताओं का पैनल भंग चल रहा है। पार्टी में नए सिरे से प्रदेश के अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और प्रवक्ता समेत अन्य पदाधिकारी चुने जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव से सीख लेते हुए अखिलेश प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कड़ी तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश में कुछ दिनों में ही 13 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी के मद्देनजर पार्टी की इकाइयां भंग की गई हैं। बताया जा रहा है कि उपचुनाव के समीकरणों को देखते हुए समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों को चुना जाएगा। असल में बसपा से गठबंधन करने के बाद भी सपा अपने गढ़ जैसे कन्नौज और बदायूं भी नहीं बचा पायी थी। चुनाव के नतीजों और बसपा से फिर दूरी होने के बाद से सपा मुखिया नयी रणनीति तैयार करने की कवायद में लगे हुए हैं।
इसी बीच सपा और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एक साथ आने की चर्चा शुरू हो गयी है। एसबीएसपी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पहले भाजपा की प्रदेश सरकार में मंत्री थे लेकिन बाद में पार्टी से मतभेदों के चलते हटा दिए गए थे। शुक्रवार को जब अखिलेश यादव अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे इसी दौरान ओमप्रकाश राजभर उनसे मिलने पहुंचे। दोनों के बीच एसपी के प्रदेश कार्यालय में बैठक हुई। कहा जा रहा है कि अब उपचुनाव में एसपी और एसबीएसपी मिलकर चुनाव लड़ सकती है।