लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते हुये कहा कि इस विधेयक को पारित कराने में केन्द्र ने जितनी जल्दबाजी दिखाई है यदि उतनी ही जल्दबाजी इन्होंने देश में महिला उत्पीड़न, बलात्कार-हत्या आदि पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाने में दिखाई होती तो बेहतर होता।
मायावती ने लगातार तीन ट्वीट किये।
पहले में उन्होंने कहा, जैसा कि विदित है बीएसपी ने नागरिकता संशोधन विधेयक का संसद के दोनों सदन में जबर्दस्त विरोध किया और उसके इसके विरुद्ध वोट भी दिया।
1. जैसाकि विदित है कि बी.एस.पी. ने नागरिकता संशोधन बिल का संसद के दोनों सदन में जबर्दस्त विरोध किया व इसके विरुद्ध वोट भी दिया।
— Mayawati (@Mayawati) December 13, 2019
दूसरे में उन्होंने लिखा है, इस विधयेक को पारित कराने में केन्द्र ने जितनी जल्दबाजी दिखाई है यदि उतनी ही जल्दबाजी इन्होंने देश में महिला उत्पीड़न, बलात्कार-हत्या आदि पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कानून बनाने में दिखाई होती तो बेहतर होता।
2. और इस बिल को पास कराने हेतु केन्द्र ने जितनी जल्दबाजी दिखाई है यदि उतनी ही इनको देश में महिला उत्पीड़न व रेप-मर्डर आदि पर अंकुश लगाने हेतु सख्त कानून बनाने पर भी दिखाई होती, तो यह बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) December 13, 2019
बसपा नेता ने अपने तीसरे ट्वीट में कहा, इस सम्बन्ध में राज्यों को केवल पत्र लिखने की खानापूर्ति करने से इसका कोई सार्थक हल निकलने वाला नहीं है।
3. जबकि इस सम्बन्ध में राज्यों को केवल पत्र लिखने की खानापूर्ति करने से इसका कोई सार्थक हल निकलने वाला नहीं है।
— Mayawati (@Mayawati) December 13, 2019
बता दें कि इससे पहले सपा नेता अखिलेश यादव ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक पर सरकार को घेरते हुये इसे भारत और संविधान का अपमान बताया था। सपा नेता अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट किया, ना किसान की आय दोगुनी हुई, ना गंगा साफ हुई, ना अर्थव्यवस्था में सुधार लाए, ना काला धन वापस लाए, ना नौकरियां लाए, ना बेटियों को बचा पाए, ना विकास कर पाए, मैंने पहले कहा था: इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बांटने की है। नागरिकता संशोधन विधेयक भारत का और संविधान का अपमान है।
ना किसान की आय दुगनी हुई
ना गंगा साफ़ हुई
ना अर्थव्यवस्था में सुधार लाए
ना काला धन वापस लाए
ना नौकरियाँ लाए
ना बेटियों को बचा पाए
ना विकास कर पाए
मैंने पहले कहा था: इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बाँटने की है. #CitizenshipBill भारत का और संविधान का अपमान है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 9, 2019