नयी दिल्ली। एअर इंडिया और इंडिगो ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका के लिए विशेष उड़ानें संचालित कीं, जिनके जरिये 400 से अधिक लोगों को भारत लाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि एअर इंडिया की एक विशेष उड़ान से बुधवार सुबह छह बच्चों समेत 205 लोगों को भारत लाया गया। इंडिगो ने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश से भारतीय नागरिकों को वापस लाने गए इंडिगो के विशेष विमान ने मंगलवार को ढाका से कोलकाता के लिए उड़ान भरी।
एअर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि ए321 नियो विमान से संचालित चार्टर्ड उड़ान मंगलवार रात ढाका से रवाना हुई थी और इसके जरिये छह बच्चों व 199 वयस्कों सहित 205 लोगों को बुधवार सुबह भारत लाया गया। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने कहा कि एअर इंडिया ने ढाका में हवाई अड्डे पर बुनियादी ढांचा संबंधी चुनौतियों के बावजूद बेहद कम समय में विशेष उड़ान का संचालन किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली से उड़ान भरने वाले इस विमान में कोई यात्री नहीं था।
वहीं, इंडिगो ने एक बयान में कहा, ढाका हवाई अड्डे के अस्थायी रूप से बंद होने के बाद इंडिगो ने छह अगस्त 2024 को ढाका से कोलकाता के लिए विशेष उड़ान 6ई 8503 संचालित की। यह उड़ान बांग्लादेश से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए संचालित की गई। मामले से अवगत एक सूत्र ने बताया कि इंडिगो की विशेष उड़ान से 200 से अधिक लोगों को ढाका से कोलकाता लाया गया। एयरलाइन ने यह भी कहा कि भारत और ढाका के बीच उड़ानों का संचालन बुधवार को फिर से शुरू होगा और उसने सभी प्रभावित लोगों से संपर्क किया है, साथ ही उन्हें वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था की पेशकश की है।
इंडिगो ढाका के लिए दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से एक दैनिक उड़ान, जबकि कोलकाता से दो दैनिक उड़ान संचालित करती है। एअर इंडिया दिल्ली से ढाका के बीच अपनी दो दैनिक उड़ानों का संचालन बुधवार से बहाल करेगी। मंगलवार को विमानन कंपनी ने बांग्लादेश की राजधानी के लिए अपनी सुबह की उड़ान रद्द कर दी थी, लेकिन शाम की उड़ान को तय समय पर रवाना किया था। विस्तारा भी बुधवार से तय समयसारिणी के अनुसार ढाका के लिए उड़ानों का संचालन करेगी। विस्तारा ढाका के लिए मुंबई से दैनिक उड़ानों, जबकि दिल्ली से हफ्ते में तीन उड़ानों का संचालन करती है। वहीं, इंडिगो ढाका के लिए आमतौर पर दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से रोजाना एक-एक उड़ान, जबकि कोलकाता से दो उड़ानों का संचालन करती है।
बांग्लादेश विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ कई हफ्तों से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच, पिछले 15 साल से सत्ता में रहीं शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर चले जाने के कारण अभूतपूर्व राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। इस आरक्षण प्रणाली के तहत 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले लोगों के परिवारों के लिए 30 फीसदी नौकरियां आरक्षित की गई थीं। सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों में 300 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।