नई दिल्ली। किसान नेताओं ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की जबकि किसान आंदोलन देश के अन्य हिस्सों में फैल गया और अब विभिन्न किसान संगठन सभी जिला मुख्यालयों में भी विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं। किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा, किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंघू बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। भूख हड़ताल सुबह आठ बजे शुरू हुई और शाम पांच बजे तक चलेगी।
सरकार के साथ वार्ता बेतनतीजा रहने के बाद किसानों ने आंदोलन को तेज कर दिया है। दिल्ली की सीमा पर जारी आंदोलन से और भी किसानों के जुड़ने की संभावना है। किसान नेताओं ने दावा किया कि देश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के आह्वान के तहत अनेक जिलों में भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोमवार को लोगों से अपील की कि वे जहां पर हैं वहीं पर किसानों के समर्थन में उपवास रखें और भरोसा जताया कि अंत में किसानों की जीत होगी।
केजरीवाल भी सोमवार को प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में एक दिवसीय उपवास रख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आम आदमी पार्टी (आप) के स्वयंसेवकों, समर्थकों और देश के लोगों से किसानों के आंदोलन में शामिल होने की अपील की। केजरीवाल ने ट्वीट किया, उपवास पवित्र होता है। आप जहां हैं, वहीं हमारे किसान भाइयों के लिए उपवास कीजिए। प्रभु से उनके संघर्ष की सफलता की प्रार्थना कीजिए। अंत में किसानों की अवश्य जीत होगी।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कहा कि वह भी पार्टी कार्यालय में पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ एक दिन का अनशन करेंगे। सिसोदिया ने ट्वीट किया, देश का अन्नदाता किसान अपनी रोज़ी रोटी बचाने की ख़ातिर, केन्द्र सरकार के तीन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हुए आज अनशन पर है।
किसानों की मांग के समर्थन में आज आम आदमी पार्टी कार्यालय में सभी साथियों के साथ मैं भी उपवास पर हूं। सिसोदिया के अलावा गोपाल राय, सत्येंद्र जैन, आतिशी और राघव चड्डा सहित आप के कई मंत्री और विधायक पार्टी कार्यालय में किसानों के समर्थन में अनशन कर रहे हैं।