चंद्रयान-2 के बाद अब इसरो की एक और चंद्र मिशन भेजने की योजना

नई दिल्ली। चंद्रयान-2 मिशन के पूरी तरह सफल नहीं होने से पिछले साल पैदा हुई निराशा को पीछे छोड़ते हुए इसरो ने 2020 में चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर को उतारने और पहले सौर मिशन को भेजने का संकल्प लिया है।

बीते वर्ष में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने छह प्रक्षेपण यान मिशनों और सात उपग्रह मिशनों को पूरा किया जिनमें सात देशों के 50 विदेशी उपग्रहों का प्रक्षेपण शामिल है। लेकिन इनमें दुनिया की नजर जिस एक मिशन पर रही वह चंद्रयान-2 था। इस मिशन को 22 जुलाई को रवाना किया गया था और इसमें चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना थी।

हालांकि, सात सितंबर को लैंडर विक्रम ने हार्ड लैंडिंग की और पहले ही प्रयास में चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला राष्ट्र बनने का भारत का सपना टूट गया। इस तिहासिक क्षण को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इसरो मुख्यालय में उपस्थित थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी 15 जुलाई को मिशन के पहले प्रयास में प्रक्षेपण को देखने के लिए श्रीहरिकोटा गए थे। हालांकि, तकनीकी खामी के कारण उसे टाल दिया गया था। इस मिशन पर पूरी दुनिया की नजर थी और पूरा देश धर्म और क्षेत्र की सीमाओं से परे जाकर इसे सफल होता देखने के लिए एकजुट हो गया।

विक्रम की लैंडिंग से पहले इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा था कि मिशन के अंतिम क्षण 15 मिनट फ टेरर होंगे। उनकी बात सही साबित हुई और मिशन संपन्न होने के निर्धारित समय से कुछ मिनट पहले इसका इसरो से संपर्क टूट गया और उसकी हार्ड लैंडिंग हुई। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन को विफल नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसरो ने इससे काफी कुछ सीखा है। उन्होंने कहा, दुनिया में कोई देश नहीं है जो पहले ही प्रयास में चंद्रमा की सतह पर उतरा हो और अमेरिका को भी कई प्रयास करने पड़े। लेकिन हमें कई प्रयास नहीं करने होंगे।

सिंह के अनुसार, लैंडर और रोवर मिशन 2020 में होने की पूरी संभावना है। सिवन ने कहा कि चंद्रयान-3 पर निर्बाध तरीके से काम चल रहा है। भारत 2020 में अपने पहले सौर मिशन आदित्य-एन1 का भी प्रक्षेपण करेगा जो सूर्य के आभामंडल का अध्ययन करेगा। भारत के पहले अंतर-ग्रह मिशन मिशन मंगल ने भी सितंबर 2019 में मंगल की कक्षा में पांच साल पूरे किए। साल 2022 तक अंतरिक्ष में भारतीयों को भेजने के मकसद से इसरो ने देश के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान को भेजने की योजना बनाई है। साल 2020 में इसरो ने एक मानवरहित अंतरिक्ष उड़ान के परीक्षण की भी योजना बनाई है।

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