समाज में अध्यात्म को लेकर तमाम भ्रान्तियां हैं
लखनऊ। प्रसिद्ध अध्यात्म विशेषज्ञ एसवी सिंह ‘प्रहरी की पुस्तक ‘अध्यात्म मंजरी खंड -1 आध्यात्म के प्रति जिज्ञासा व रुझान रखने वाले लोगों के लिए अब बाजार में भी उपलब्ध है। इसे अन्तरराष्ट्रीय प्रकाशक ‘नोशन प्रेस ने प्रकाशित किया है। यह सोशल मीडिया के सबसे बड़े प्लेटफार्म अमेजन पर 600 व बिना जिल्द 349 रुपये में उपलब्ध है।
लेखक प्रहरी ने पुस्तक में जीवन में अध्यात्म की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला है। उन्होंने अध्यात्म के प्रति लोंगों की जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश की है। उनका कहना है कि समाज में अध्यात्म को लेकर तमाम भ्रान्तियां हैं। सामान्यत: आम लोगों में अध्यात्म को रंग, धार्मिक संस्कृति, पूजा-भजन, जाति-धर्म व ज्ञानीजन-संतों के प्रवचनों से जोड़कर देखा जाता है, जबकि वास्तव में अध्यात्म दो शब्दों (आत्म एवं अध्ययन) के सम्मिलन से बना है, जिसका अर्थ है स्वयं का अध्ययन व विश्लेषण करना। इस पुस्तक में लेखक ने अध्यात्म के प्रश्नों का तथ्यात्मक व व्यावहारिक प्रतिउत्तर लेख के रूप में प्रस्तुत करने का बेहतर प्रयास किया है। इस पुस्तक में प्रस्तुत विचारों को पढ़कर पाठक उन्हें आत्मसात करते हुए अपने आपको जागृत कर सदमार्ग पाने में समर्थ होंगे।
प्रहरी का अध्यात्म की ओर रुझान अपने माता-पिता की प्रेरणा से बढ़ा। लगभग एक दशक पूर्व उनके पिताजी ने अध्यात्म को समझकर प्रकृति के स्वभाव के आधार पर जीवन जीने के लिए प्रेरणा दी। साथ ही अपने कर्मक्षेत्र में सर्वोच्च अभिभावक पूज्य सहाराश्री द्वारा समय-समय पर दिये गये ज्ञान-संदेश तथा नेतृत्व नायक श्री ओपी श्रीवास्तव जी से प्राप्त शिक्षा से भी लेखक को अध्यात्म, प्रकृति पर खोज व शोध की प्रेरणा मिली।
लेखक एसवी सिंंह ‘प्रहरी का जन्म एक शिक्षित कृषक परिवार में हुआ। उन्होंने कृषि एवं कामर्स की शिक्षा ग्रहण कर देश के एक सम्मानित व प्रसिद्ध कॉरपोरेट में लगभग तीन दशक से भी अधिक समय से कनिष्ठ पद से लेकर प्रेसीडेंट वर्कर तक जैसे वरिष्ठ पद तक का सफलतापूर्वक सफर तय करते हुए अपने प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।