लखनऊ। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आवाहन पर लेखपाल संवर्ग की 9 वर्षो से लम्बित मांगों पर शासन द्वारा कोई सार्थक पहल न किये जाने पर विवश होकर तहसील समाधान दिवस सहित कार्य बहिष्कार किया गया। जिसमें मुख्य मांगो में- राजस्व लेखपाल संवर्ग को तकनीकी संवर्ग घोषित करने के साथ-साथ लेखपालों का नाम राजस्व उप निरीक्षक व शैक्षिक अर्हता स्नातक करते हुए प्रारंभिक वेतनमान ग्रेड पे 2800 किया जाए तथा लेखपालों के पदोन्नति के अवसर बढ़ाए जाएं, पांच लेखपालों पर एक राजस्व निरीक्षक का पद किया जाए तथा तथा चार राजस्व निरीक्षकों के सापेक्ष एक नायब तहसीलदार के पद की नियुक्ति की जाए।

लेखपाल संवर्ग को राजस्व निरीक्षक व नायब तहसीलदार के पद पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराया जाए, नायब तहसीलदार के 50 प्रतिशत सीधी भर्ती के पदों में से 25 प्रतिशत योग्यता रखने वाले लेखपालों से विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरे जाएं तथा लेखपालों की एसीपी विसंगति को दूर किया जाए जिसमें लेखपालों की प्रथम एसीपी को 10 वर्ष सेवा के बाद 2800 ग्रेड पे अनुमन्य किया जाए द्वितीय एसीपी मे 16 वर्ष की सेवा पर 4200 ग्रेड पे किया जाए तथा 26 वर्ष की सेवा के बाद 4600 ग्रेड पर अनुमन्य किया जाए।
लेखपालों की स्टेशनरी भत्ता मात्र रूपये 100 है जिसे बढ़ाकर रूपये 1000 किया जाए तथा लेखपालों का विशेष भत्ता 2500 किया जाए व लेखपालों का पद नाम परिवर्तित कर लेखपाल के स्थान पर राजस्व उपनिरीक्षक पदनाम किया जाए। लेखपालों के पूर्व की भांति अंतरमंडलीय स्थानांतरण को बहाल किया जाए, लेखपाल संवर्ग के 2004 के बाद नियुक्त मृतक आश्रित लेखपाल पद पर हैं उनकी पेंशन स्वीकार की जाए। जनसंख्या वृद्धि व शहरीकरण होने के कारण भूमि के टुकड़ों में हो जाने से लेखपालों के पदों में वृद्धि तथा राजस्व सहायक और राजस्व चौकी की व्यवस्था की जाए।

धरने प्रदर्शन में प्रदेश के प्रान्तीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह एंव पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान राष्ट्रीय पटवारी संघ के अध्यक्ष राम मूरत यादव, जिला मंत्री सुजीत कुमार, जिला उपमंत्री रंजीत वर्मा, तहसील अध्यक्ष सुधीर कुमार शर्मा, मंत्री नीतू यादव, उप मंत्री अम्रतांजलि सिंह, कनिष्ठ उपाध्यक्ष, आशीष कुमार तथा तहसील के समस्त लेखपाल उपस्थित रहे। लेखपाल संवर्ग की 8 सूत्री लंबित मांगों के संबंध में एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी सरोजनी नगर लखनऊ के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को प्रेषित किया गया।





