लखनऊ। प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश के 40 जिलों में अब तक 410 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। कुल पॉजिटिव पाये गये मरीजों में 221 तब्लीगी जमात के हैं। प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस की वजह से चार लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें मेरठ, बस्ती, वाराणसी और आगरा जिलों में हुई हंै। इस बीच लखनऊ में हुई 27 सैम्पल की जांच में गुरुवार को पांच और लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। अब तक 31 मरीज ठीक होकर घर जा चुके है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने गुरुवार को यहां पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि छोटे शहरों में निजी चिकित्सालयों को चिन्हित कर आवश्यकता पड़ने पर 5 दिन की नोटिस पर कोरोना मरीजों के उपचार के लिए उपयोग में लाया जायेगा। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 9442 आइसोलेशन बेड तथा 12119 क्वारेंटाइन बेड पूरी तरह से तैयार हैं।
उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 5734 लोगों को फैसिलिटी क्वारेंटाइन में रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 7451 लोगों का टेस्ट किया गया जिसमें से 6953 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि विदेश से आये हुए 63855 लोगों में से 43140 लोग 28 दिन की क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर चुके हैं। उन्होंने बताया, महामारी रोग अधिनियम के तहत राज्य में मास्क पहनना अनिवार्य है। प्रसाद ने सभी लोगों से अपील की कि अपने चेहरे को ढक कर रखें क्योंकि संक्रमण को फैलने से रोकने में यह बहुत ही प्रभावशाली तरीका है।
इससे पूर्व अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने लोगों से अपील की है कि चिकित्सा विभाग द्वारा जारी निदेर्शों का पालन करें एवं अपने चेहरे को मास्क, रूमाल, गमछा या दुपटटे से अनिवार्य रूप से ढंके। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से निजात पाने एवं लॉक डाउन को शीघ्र खोले जाने के लिए आवश्यक है कि लोग घरों से न निकलें और लॉक डाउन का पूर्णतया पालन करें। तब्लीगी जमाज में सम्मिलित लोग स्वयं आगे आएं। जिनके घरों में ऐसे लोग रूके हों वे प्रशासन को सूचित करें ताकि जमात में शामिल लोग क्वारेंटाइन किये जा सकें।