-72 जिलों में 1773 मामले एक्टिव, 91 मरीजों की मौत
-75,006 सर्विलांस टीमों ने किया अब तक 3.07 करोड़ सर्वे
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार कम नहीं हो रही है। शुक्रवार को प्रदेश के 75 जिलों में 43 लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। इसके साथ प्रदेश में संक्रमण के 3945 मामले सामने आ चुके हैं। संक्रमण से अब तक 91 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस समय 72 जिलों में 1773 मामले एक्टिव हैं।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के साथ संयुक्त प्रेसस वार्ता में बताया अब तक 2080 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो कर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 1871 लोगों को आइसोलेशन वार्ड में और 9911 लोग फैसलिटी क्वारेंटाइन में रखे गये हैं।
प्रसाद ने बताया कि गुरुवार को 426 पूल टेस्टिंग में 2082 सैंपल टेस्ट किये गये, जिसमें 35 पूल पॉजीटिव पाये गये। प्रदेश में अब पूल टेस्ट में पांच सैंपल से बढ़ाते हुए 10 सैम्पल का टेस्ट किया जायेगा, जिसे आगे और भी बढ़ाया जायेगा। इंडियन कौंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा 25 सैम्पल प्रति पूल टेस्ट करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि चिकित्सा विभाग की 75,006 सर्विलांस टीमों के माध्यम से सर्वेक्षण में 3.07 करोड़ लोगों का सर्वे कर लक्षण के आधार पर सैंपलिंग की गई है। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु अलर्ट जनरेट होने पर 6500 से अधिक लोगों को कन्ट्रोल रूम से कॉल किया है। उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम एवं प्राइवेट हॉस्पिटलों का रजिस्ट्रेशन 31 दिसम्बर तक बढ़ा दिया गया है।
निजी चिकित्सकों व प्राइवेट नर्सिंग होम संचालकों ने अनुरोध किया था कि संक्रमण काल में फॉर्म इत्यादि भरना संभव नहीं हो पा रहा है, इसलिए उनके नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन को 6 महीने के लिए बढ़ाया जाए। इससे संबंधित आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन 30 जून तक बढ़ा दिया गया था, अब 31 दिसम्बर तक के लिए प्रदेश के सभी नर्सिंग होमों व निजी चिकित्सालयों का पंजीकरण समय बढ़ा दिया गया है।
प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में प्रवासी कामगार आ रहे हैं, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद जो लक्षणरहित होते हैं, उन्हें 21 दिन के होम क्वारंटाइन पर भेजा जाता है। इसकी सुनिश्चित करने के लिए ग्राम निगरानी समिति व मोहल्ला निगरानी समिति बनाई गई हैं, जिससे प्रवासियों को होम क्वारंटाइन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जा सके। निगरानी समितियों की इस कार्य में बड़ी भूमिका है।
उन्होंने लोगों से फिर एक बार अपील की है कि वह साबुन, पानी से हाथ धोते रहें, मुंह और नाक को मास्क, रूमाल, दुपट्टे या गमछे आदि से ढक कर रखें, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग (2 गज की दूरी) का पालन करें, इस समय यह बहुत जरूरी है। घर से अनावश्यक रूप से न निकलें। संक्रमण से बचाव ही एक मात्र रास्ता है, इस पर सभी लोगों को ध्यान देना चाहिए।