मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ रुपये का किया अतिरिक्त आवंटन

नई दिल्ली। सरकार ने रविवार को ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। इससे घर लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं और अंतिम किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि मनरेगा के लिए पहले ही बजट में 61,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

अब इस आवंटन को उससे ऊपर 40,000 करोड़ रुपए बढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा, स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय में वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य संस्थानों में निवेश बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल या ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टी-मोड एक्सेस का एक कार्यक्रम जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके अलावा, पहली से लेकर बारहवीं तक हर कक्षा के लिए अलग-अलग टीवी चैनल शुरू किए जाएंगे। शीर्ष सौ विश्वविद्यालयों को 30 मई, 2020 तक स्वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति होगी।

कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन की मार से अर्थव्यवस्था को उबारने के 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं किस्त की रविवार को घोषणा की गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांचवीं किस्त में चौथी किस्त के सुधारों को और आगे बढ़ाया।

पांचवीं किस्त की मुख्य बातें इस प्रकार हैं

01-वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार को बढ़ावा देने को लेकर मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन

02-स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय बढ़ेगा

03-भविष्य की महामारियों के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाना

04-एक साल तक नई दिवाला कार्यवाही का स्थगन

05-दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रियाके लिए बकाया कर्ज की न्यूतनतम सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की गई।

06-मामूली तकनीकी चूक से संबंधित कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक किया गया

07-समाधान योग्य अधिकांश अपराधों को आंतरिक न्याय निर्णय व्यवस्था में डाला जाएगा।

08-भारतीय कंपनियों को प्रतिभूतियों को सीधे स्वीकृत विदेशी बाजारों में सूचीबद्घ कराने की छूटॅ निजी कंपनियों के लिए सारे क्षेत्र खोले गए, सरकारी कंपनियां चुनिंदा तय क्षेत्रों में ही होंगी।

09-रणनीतिक क्षेत्रों में कम से कम एक सरकारी कंपनी रहेंगी, लेकिन निजी कंपनियों को भी मिलेंगे अवसर

10-रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़ शेष सरकारी कंपनियों का होगा निजीकरण, व्यवहार्यता पर समय निर्भर होगा।

11-वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधार उठाने की कुल सीमा उनके सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत की गई, इससे राज्यों जुटा सकेंगे अतिरिक्त 4.28 लाख करोड़ रुपये।

12-विशिष्ट सुधारों से जुड़ी होगी उधार उठाने की सीमा में की गई वृद्धि

13-कुल प्रोत्साहन पैकेज 20,97,053 करोड़ रुपये का है, जिसमें आरबीआई के 8,01,603 करोड़ रुपये के मौद्रिक उपाय भी शामिल।

14-मार्च में 1.70 लाख करोड़ रुपये की पीएम गरीब कल्याण योजना सहित 1,92,800 करोड़ रुपये की योजनाएं भी पैकेज का हिस्सा।

15-प्रोत्साहन की पहली किस्त में 5.94 लाख करोड़ रुपये, दूसरी किस्त में 3.10 लाख करोड़ रुपये, तीसरी किस्त में 1.50 लाख करोड़ रुपये और चौथी एवं पांचवीं किस्त में 48,100 करोड़ रुपये के उपाय।

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