यूपी बोर्ड में घटाया गया 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम, 31 जनवरी तक पूरा करा लेंगे कोर्स

प्रयागराज। कोरोना वायरस महामारी के कारण माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित होने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने कक्षा नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं का पाठ्यक्रम लगभग 30 प्रतिशत कम कर दिया है। यूपी बोर्ड द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभिन्न कक्षाओं में आनलाइन और आफलाइन माध्यम से शिक्षण कार्य 31 जनवरी, 2021 तक पूरा करा लिया जाएगा और इसके बाद प्रीबोर्ड परीक्षा का आयोजन फरवरी, 2021 के तीसरे और चौथे सप्ताह में किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद पहली बार प्री-बोर्ड परीक्षा की अवधारणा लागू कर रही है। कक्षा नौवीं और ग्यारहवीं के लिए स्वयंप्रभा चैनल-22 और कक्षा दसवीं और बारहवीं के लिए दूरदर्शन उत्तर प्रदेश के माध्यम से आनलाइन शिक्षण कार्य शुरू करा दिया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि छात्रों के मूल्यांकन के लिए प्रश्न बैंक तैयार करना, छात्रों का मूल्यांकन करना और उनके लिए पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को दी गई है।

वर्चुअल स्कूल और ई-ज्ञान गंगा के माध्यम से जिलों में छात्र-छात्राओं के पठन पाठन की साप्ताहिक रिपोर्ट सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक से प्राप्त करने और उसके पर्यवेक्षण आदि की जिम्मेदारी भी माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव को सौंपी गई है। की भी जांच की जाएगी। इस दौरान यदि किसी में कोरोनावायरस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें अलग से आइसोलेशन रूम में रखा। परीक्षा केंद्र पहुंचने पर एक छात्र के निकलने के बाद दूसरे को अंदर बुलाया जाएगा। इसके अलावा अन्य दस्तावेज की जांच होगी।

इसमें एडमिट कार्ड, सरकारी फोटो पहचान पत्र आदि दिखाना पड़ेगा। इस पूरी प्रक्रिया 15 से 20 मिनट का समय लगेगा। इस दौरान कैंडिडेट्स के किसी भी दस्तावेज को छुआ नहीं जाएगा। इसके बाद दोबारा छात्र का तापमान जांचा जाएगा। वहीं, जांच प्रक्रिया पूरी होने पर स्टूडेंट्स को रूम नंबर और सीट बताई जाएगी। इसके साथ ही, मुंह पर मास्क और हाथों में दस्ताने पहनने होंगे, पारदर्शी बोतल में पीने का पानी ला सकेंगे, 50 एमएल की पारदर्शी हैंड सैनिटाइजर बोतल लाने की अनुमति होगी।

इसके अलावा, नकल रोकने के लिए मेटल डिटेक्टर से छात्रों की जांच होगी। किसी भी प्रकार के मैटल आदि से बने प्रोडेक्ट को साथ लाने पर रोक होगी। मेटल डिटेक्टर से सीधे संपर्क के बिना होगी जांच। परीक्षा से संबंधित दस्तावेज जैसे एडमिट कार्ड, सरकारी फोटो पहचान पत्र साथ रखने होंगे। शौचालय जाने से पहले अनुमति लेनी जरूरी होगी। सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर एग्जाम हॉल के अंदर छात्रों के बीच इनविजीलेटर नहीं घूम सकेंगे। वह दूर से ही बैठकर निगरानी करेंगे। इसके अलावा क्लास में सिर्फ 50 फीसदी कर्मी ही मौजूद होंगे। ड्यूटी के दौरान इनविजीलेटर या टीचर से किसी भी तरह की मदद लेने से पहले स्टूडेंट को हाथों को सैनिटाइज कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।

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