वॉशिंगटन। भारत सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने लिए रविवार को करीब एक अरब लोग घरों में बंद रहे। वहीं घातक संक्रमण से मरने वालों की तादाद बढ़कर 13,597 के पार पहुंच गई है। सबसे बुरी तरह से प्रभावित इटली में कारखाने बंद कर दिए गए हैं।
इस महामारी के कारण दुनिया के करीब 35 मुल्कों ने बंद (लॉकडाउन) किया है, जिससे जनजीवन, यात्रा और कारोबार प्रभावित हुए है। वहीं सरकारें सीमाएं बंद करने को लेकर जद्दोजहद कर रही हैं और वायरस की वजह से आर्थिक मंदी से बचने के लिए आपातकालीन उपायों में अरब डॉलर लगा रही हैं।
दुनिया में तीन लाख से ज्यादा लोगों के संक्रमित में होने की पुष्टि हुई है। इटली में स्थिति गंभीर है जहां 4,800 से ज्यादा लोगों की जान गई है, जो दुनिया में भर में इस संक्रमण से मरने वालों का एक तिहाई है। दुनिया में कोरोनावायरस थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार दोपहर तक 188 देश इससे प्रभावित हो चुके थे। इस दौरान कुल 3,16,029 मामले सामने आए। 13,597 लोगों की मौत हो गई। राहत की इकलौती बात ये कि इसी दौरान 95,892 मरीज स्वस्थ भी हुए।
स्पेन में बीते 24 घंटे में 344 तो ईरान में 129 लोगों की मौत हो गई। स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेझ ने रविवार को कहा कि आने वाला वक्त ज्यादा मुश्किल वाला हो सकता है। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने देश को गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने की चेतावनी में कहा- अगर हालात बेहतर नहीं हुए तो दो हफ्ते में ब्रिटेन की हालत भी इटली जैसी हो जाएगी। वहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को कोरोनावायरस पर चेतावानी दी। कहा, देश में स्वास्थ्य मंत्रालय ही नहीं पूरी सरकार और देशवासियों के सामने कोरोना की बड़ी चुनौती है। यही हालात जारी रहे तो ये मानकर चलिए कि ब्रिटेन की हालत सिर्फ दो या तीन हफ्ते में इटली जैसी हो जाएगी।
इटली में स्वास्थ्य सुविधाएं ब्रिटेन से कहीं बेहतर हैं। इसके बावजूद वहां के डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट स्थिति नहीं सुधार पाए। इससे हमें फौरन सबक लेना होगा। इस बीच, फ्रांस में कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे एक डॉक्टर की मौत हो गई। देश के हेल्थ मिनिस्टर ओलिवर विरेन ने शनिवार को यह जानकारी दी। ओलिवर ने कहा- जहां तक हमारी जानकारी है, संक्रमितों का इलाज में जुटे हमारे किसी स्टाफ मेंबर की यह पहली मौत है। फ्रांस में रविवार सुबह तक कुल 12,475 मामले सामने आ चुके हैं। 450 लोगों की मौत हो चुकी है।
उधर, स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेझ ने शनिवार रात देश को संबोधित किया। कहा, यह देश और दुनिया के लिए बेहद मुश्किल वक्त है। इस वक्त जरूरत ये है कि हम खुद पर और प्रशासन पर भरोसा रखें। यह खुद को मजबूत बनाने का वक्त है। आने वाला समय ज्यादा परेशानियों वाला हो सकता है। इसलिए, मानसिक और शारीरिक तौर पर तैयार रहें। खतरा हर जगह है।
वहीं, चीन ने शंघाई एयरपोर्ट पर आने वाले हर यात्री की जांच के आदेश दिए हैं। पहले सिर्फ उन लोगों की जांच की जा रही थी जो बीमार थे। लेकिन, अब हर शख्स की जांच की जाएगी। उनके ब्लड सैंपल भी लिए जाएंगे। वुहान में हालात संभालने वाले कुछ एक्सपर्ट्स को भी शंघाई बुलाया गया है।
चीन की हेल्थ मिनिस्ट्री ने रविवार को कहा कि सोमवार को राष्ट्रपति हालात की समीक्षा कर सकते हैं। ईरान ने अमेरिकी सरकार की मदद को ठुकरा दिया है। देश के सर्वोच्च धर्मगुरू अयातुल्लाह खमैनी ने रविवार को कहा, हमें शक है कि अमेरिका दवाओं के रूप में जो ईरान की मदद करना चाहता है, वो हमारे नागरिकों के लिए खतरनाक साबित हों। हो सकता है इन दवाओं से हमारे नागरिक पहले से भी ज्यादा बीमार हों। इसलिए, हम अमेरिका पर कतई भरोसा नहीं कर सकते। एक बात और समझ में नहीं आती।