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कुल 1.37 लाख से ज़्यादा मज़दूरों कर रहे हैं काम
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बड़ी संख्या में कराया जा रहा है सडकों व पुलों का निर्माण
लखनऊ। उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को बताया कि उत्तर प्रदेश में भारी संख्या में सड़कों व पुलों का निर्माण कराया जा रहा है। इससे प्रदेश की आम जनता को आवागमन में सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही किसानों को अपने उत्पादों को मंडियों में ले जाने और व्यापारिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों को भी आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। यही नहीं बेहतर सड़कों के निर्माण से ग्रामीण स्तर तक निवेशकर्ताओं को फायदा होगा।
मौर्य ने बताया लाॅकडाउन के दौरान काम रूक गये थे, जिन्हे अप्रैल महीने के अंतिम हफ्ते से निर्धारित प्रोटोकाॅल के तहत तेजी से शुरू कराया गया और इस समय लोक निर्माण विभाग के 14923 कार्य चल रहे हैं, जिनकी लागत 195 करोड़ 98 लाख 46 हजार रुपये है और इन कार्यों पर 1 लाख 17 हजार 708 मज़दूर काम कर रहे हैं।
इसी तरह राज्य सेतु निगम के 200 कार्य चल रहे हैं, जिनकी लागत 66 करोड़ 56 लाख 85 हजार रुपये है और इनमे 3894 श्रमिक काम कर रहे हैं और राजकीय निर्माण निगम के 548 कार्य चल रहे हैं, जिनकी लागत 184 करोड़ 64 लाख 43 हजार रुपये है, जिन पर 15840 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। इस तरह कुल 15671 कार्य चल रहे हैं, जिनकी लागत 447 करोड़ 19 लाख 73 हजार रुपये है और कुल 1 लाख 37 हजार 442 श्रमिक काम कर रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि मौजूदा सरकार के अब तक के कार्यकाल में लगभग 11359 किलोमीटर लंबाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया जा चुका है और 12600 किमी लंबाई में मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का काम किया जा चुका है।
विभाग द्वारा अनजुड़ी बसावटों राज्य सड़क निधि, नाबार्ड, पूर्वांचल विकास निधि, बुन्देलखण्ड विकास निधि आदि योजनाओं में ग्रामीण मार्गों का निर्माण किया जा रहा है।
केन्द्रीय मार्ग निधि के तहत 3025 करोड रुपये की लागत से 117 प्रमुख जिला मार्ग व अन्य जिला मार्गों की 1828 किमी लम्बाई का 02 लेन में चौड़ीकरण किया जा रहा है और अब तक 1780 किमी लंबाई में मार्ग निर्माण कराते हुये 105 कार्यों को शत-प्रतिशत पूर्ण कर किया जा चुका है।
मौर्य ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के मद्देनज़र से इस साल लोक निर्माण विभाग के 175 खंडों में हर्बल मार्ग डेवलप करने के लक्ष्य के सापेक्ष 171 खण्डों में हर्बल मार्ग बनाये जा चुके हैं, जहां पर सड़कों के किनारे बरगद, आंवला, पीपल, अशोक, बेल आदि के पौधे रोपित किये गये हैं।