मोदी बोले- आतंकवाद से मिलकर लड़ें
नई दिल्ली। मोदी दूसरी बार ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने २०१६ में गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने २०१६ में गोवा में हुए ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम को १३वें ब्रिक्स सम्मेलन को संबोधित किया। इसमें सभी ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्ष वर्चुअली जुड़े। प्रधानमंत्री ने इसमें संसाधनों के साझा इस्तेमाल पर जोर दिया। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की बात कही।
समिट में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान संकट के लिए अमेरिकी सेनाओं के हटने को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के अफगानिस्तान से जाने की वजह से यह नया संकट खड़ा हुआ है। अभी भी यह साफ नहीं है कि इससे रीजनल और ग्लोबल सिक्योरिटी पर क्या असर पड़ेगा। यह अच्छी बात है कि ब्रिक्स देशों ने इस पर फोकस किया है। मोदी ने कहा- भारत की अध्यक्षता के दौरान हमें सभी ब्रिक्स पार्टनर्स से भरपूर सहयोग मिला है। इसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं। डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम विश्व की प्रभावकारी आवाज हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान देने के लिए ये मंच उपयोगी हो रहा है।
हमने ब्रिक्स काउंटर टेररिज्म प्लान एग्जीक्यूट किया है। हमने समझौते से सहयोग का नया अध्याय शुरू किया है। इससे इंट्रा ब्रिक्स व्यापार आसान होगा, वैक्सीनेशन रिसर्च सेंटर भी बनेगा। इन कदमों से न सिर्फ हमारी जनता को फायदा मिलेगा, बल्कि ब्रिक्स की भूमिका भी बनी रहेगी। ये बैठक ब्रिक्स को भविष्य में और उपयोगी बनाने के लिए काम आएगी। मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने न्यू डेवलपमेंट बैंक, एनर्जी रिसर्च कॉपोर्रेशन जैसे प्लेटफॉर्म शुरू किए हैं। गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। यह भी जरूरी है कि हम आत्मसंतुष्ट ना हों। हमें ये निश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले १५ सालों के लिए उपयोगी हो। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले वे २०१६ में गोवा में हुई ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर चुके हैं।
जिनपिंग बोले- फ्यूचर के लिए साथ काम करेंगे
चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग ने कहा- ये ब्रिक्स की १५वीं एनिवर्सरी है। पिछले १५ साल में हमने राजनीतिक विश्वास बढ़ाया है और कूटनीतिक बातचीत को बढ़ावा दिया है। हमने एक-दूसरे से बातचीत का मजबूत रास्ता निकाला। हमने कई क्षेत्रों में प्रगति की है। हम अपने साझा विकास की यात्रा साथ-साथ कर रहे हैं। जिनपिंग ने कहा- इस साल की शुरूआत से हमारे सहयोगी देश महामारी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं और कई क्षेत्रों में हमने प्रगति भी की है। ब्रिक्स के फ्यूचर के लिए हम मिलकर काम करेंगे। हम अपनी चुनौतियों से निपटने के लिए साझा संसाधनों के आधार पर रणनीति बनाएंगे। ब्रिक्स के भविष्य को मजबूत करेंगे।
क्या है ब्रिक्स ग्रुप और इसमें कौन-कौन शामिल हैं?
ब्रिक्स पांच देशों ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका का एक ग्रुप है। यह २०११ में बना था। इस ग्रुप को बनाने का मकसद वेस्टर्न कंट्रीज के इकोनॉमिक और पॉलिटिकल दबदबे का मुकाबला करना है। ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।
१३वीं ब्रिक्स समिट का आयोजक है भारत
भारत इस बार सम्मेलन का आयोजक है और प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी अध्यक्षता की। समिट में ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सेनारो, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा शामिल हुए। इस बार समिट की थीम ‘ब्रिक्सञ्च१५: इंट्रा-ब्रिक्स कोआॅपरेशन फॉर कंटीन्यूटी, कॉन्सोलिडेशन एंड कॉन्सेंसस’ रखी गई है।