नई दिल्ली। देश में 19 दिनों के बाद कोविड-19 के 13,000 से ज्यादा नए मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की कुल संख्या बढ़ कर 1,09,63,394 हो गई जबकि 1,06,67,741 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। संक्रमण के मामलों में वृद्धि के लिए विशेषज्ञ आर्थिक गतिविधियां बढ़ने और नियमों को लेकर लोगों की ढिलाई बरतने को भी जिम्मेदार मान रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के कुल 13,193 मामले आए। संक्रमण से 97 और लोगों के दम तोड़ने से मृतकों की संख्या 1,56,111 हो गई है। कुल 1,06,67,741 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जिससे ठीक होने की दर 97.30 प्रतिशत हो गई है और मृत्यु दर 1.42 प्रतिशत है। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1.5 लाख से नीचे हैं। कुल 1,39,542 मरीजों का उपचार चल रहा है, जो कि कुल मामलों का 1.27 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में 18 फरवरी तक 20,94,74,862 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की जा चुकी है। इनमें से 7,71,071 नमूनों की जांच गुरुवार को की गई।
संक्रमण से मरने वाले 97 लोगों में 38 महाराष्ट्र से, 14 केरल से और 10 पंजाब से हैं। देश में कोविड-19 से अब तक 1,56,111 लोगों की मौत हुई है जिनमें 51,669 लोग महाराष्ट्र से, 12,444 लोग तमिलनाडु से, 12,282 लोग कर्नाटक से, 10,896 लोग दिल्ली से, 10,239 लोग पश्चिम बंगाल से, 8,709 लोग उत्तर प्रदेश से और 7,166 लोग आंध्र प्रदेश से हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मरने वालों में 70 प्रतिशत से अधिक लोग गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।
मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का आईसीएमआर के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के लिए लोगों में ढिलाई की बढ़ती प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराया है। आईसीएमआर के प्रमुख (महामारी विज्ञान एवं संक्रामक रोग विभाग) डॉ. समीरन पांडा ने कहा कि अगर मामलों में ऐसे ही वृद्धि जारी रहती है तो यह चिंता की बात है। उन्होंने कहा, अगर मामलों में बढ़ोतरी होती रही तो यह किसी भी राज्य के लिए चिंता की बात होती है।
संक्रमण के ये मामले सिर्फ युवाओं में ही नहीं बल्कि पहले से किसी बीमारी से ग्रसित बुजुर्गों में भी होंगे। मामलों (में वृद्धि) की वजह वही है कि जब संवेदनशील आबादी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आती है तो संवेदनशील व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। उन्होंने लोगों से कोविड-19 संबंधी दिशा निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया। पांडा ने कहा, इस वक्त हमें कोविड-19 संबंधी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। हमारे पास टीका है लेकिन यह बचाव के उपायों में से सिर्फ एक तरीका है।
इसलिए उचित दूरी बनाए रखना, सामाजिक मेल-जोल को सीमित रखने जैसे नियमों का पालन करना चाहिए। अगर लोग विवाह समारोहों, पार्टियों में गए तो इससे संक्रमण फैलेगा। जाने माने विषाणु रोग विशेषज्ञ शाहिद जमील ने कहा, ज्यादातर लोगों ने यह सोचकर मास्क पहनना छोड़ दिया है कि अब संक्रमण खत्म हो गया है। आर्थिक गतिविधियां बढ़ी है और लोगों का संपर्क भी बढ़ा है। मुंबई में लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति, ठंड के मौसम जैसे पहलू भी शामिल हैं जिनके चलते मामले बढ़ रहे हैं।