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आयुष्मान के ग्रीन चैनल पेमेंट व्यवस्था से जुड़ेंगे 1242 अस्पताल

लंबित कार्ड 30 सितंबर तक बनवाये जायें: ब्रजेश पाठक

वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में ग्रीन चैनल पेमेंट व्यवस्था से 1242 और अस्पतालों को जोड़ा जायेगा। अभी तक 56 अस्पताल इसका लाभ ले रहे हैं। अब तक इसके तहत 18 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। यह जानकारी साचिस की सीईओ संगीता सिंह ने दी। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि लंबित कार्ड 30 सितंबर तक बनवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर विशेष अभियान चलाएं।

वह सोमवार को एक निजी होटल में पीएमजेएवाई संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सभी लक्ष्य प्राप्त करने में सक्षम है। इसी विश्वास के साथ हम कई योजनाओं को धरातल पर उतारने में अन्य से आगे हैं। कार्यक्रम में मौजूद केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि यह आयोजन बंद कमरा और खुली बात पर आधारित है। इसलिए आप लोग निर्भय होकर अपनी बात रखें। उन्होंने कहा कि यूपी लक्ष्य प्राप्त करता है तो देश स्तर पर दिखता है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश में ग्रीन चैनल पेमेंट व्यवस्था की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इस ग्रीन चैनल के जरिए ज्यादा से ज्यादा अस्पताल जुड़ेंगे। केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मनरेगा के मजदूरों और सवर्ण वर्ग के ईडबल्यूएस श्रेणी वालों को आयुष्मान योजना से जोड़ा जा सकता है। हालांकि इसके लिए राज्य की सहमति होनी जरूरी होगी। राज्य स्वास्थ्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष नए पात्र गृहस्थ परिवारों को शामिल करने की शर्तें समाप्त करने की मांग रखी। साथ ही बताया कि यूपी में अन्य राज्यों के साथ नेपाल जैसे देशों से भी मरीज स्वास्थ लाभ ले रहे हैं इसलिए कार्य का भार भी अधिक है।

राज्य स्वास्थ्य मंत्री ने निजी अस्पतालों से अपील की है कि किसी भी एक बीमारी का इलाज अलग-अलग खर्च जैसी शिकायतें नहीं आनी चाहिए। साचिस की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि ग्रीन चैनल पेमेंट के तहत बेहतर रिकॉर्ड और शून्य शिकायत वाले अस्पतालों को शामिल किया जाता है। इसके तहत क्लेम करते ही इलाज का आधा धन आवंटित कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि पीएमजेएवाई की वेबसाइट पर एक चैट बोट शुरू किया गया है जो अस्पतालों के सवालों के जवाब स्वत: देता है। साथ ही इस वेबसाइट पर ईमेल एड्रेस दिया गया है जिस पर कोई भी निजी व सरकारों अस्पताल अपनी बात रख सकता है।

संवाद कार्यक्रम के दौरान अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने कई सवाल भी उठाए। इसमें अन्य राज्यों से आने वाले मरीजों को आसानी से इलाज देने, कैंसर, प्रसव, बच्चों के दिल के इलाज के मामलों में पैकेज पुन: अवकोलन करने का मांग की। साथ ही मरीजों के आवागमन और आशा से काउंसिल करने की शुरूआत करने के लिए चर्चा हुई।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की केन्द्रीय निदेशक लता गनपति ने बताया कि इस आयोजन में उठे सभी बिन्दुओं की सूची बना ली है। जल्द ही इस पर विचार कर इन समस्यों का निदान किया जाएगा। इस मौके पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक स्वास्थ्य और महानिदेशक परिवार कल्याण समेत प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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