लखनऊ। उन्नाव रेप कांड से जुड़े मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर मुकदमों को दिल्ली स्थानान्तरित करने के आदेश का कांग्रेस ने स्वागत करते हुए इसे योगी सरकार के मुंह पर करारा तमाचा बताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी और कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि उन्नाव रेप मामले में प्रदेश सरकार की लीपापोती और अपराधी विधायक को लगातार सत्ता संरक्षण देने के दुष्चक्र को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले से जुड़े पांच मुकदमों को दिल्ली स्थानान्तरित करने के आदेश ने साफ कर दिया है कि सर्वोच्च न्यायालय को भी प्रदेश की योगी सरकार के न्याय एवं जांच प्रक्रिया पर भरोसा नहीं रह गया है।
उन्होने मुख्य न्यायाधीश द्वारा पीड़िता एवं उसके परिवार के बचे बाकी सदस्यों को रायबरेली की सीआरपीएफ इकाई द्वारा सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश को पुलिस के नकारेपन और अपराधिक संलिप्तता पर मुहर बताया है। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर कर दिया है और प्रदेश में फैले जंगलराज और इसमें अपराधियों को मिल रहे संरक्षण को भी बेनकाब कर दिया है।
उन्होने कहा कि प्रदेश और देश की जनता के साथ मिलकर कांग्रेस कार्यकतार्ओं द्वारा उठायी गयी न्याय की आवाज के दबाव में भाजपा को बलात्कार के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निलम्बित करने के लिए मजबूर होना पड़ा लेकिन इन्साफ पसन्द जनता सिर्फ इसी से संतुष्ट होने वाली नहीं है। दोनों नेताओं ने कहा कि कांग्रेस जब तक पीड़िता को न्याय न मिल जाये तब तक इस लड़ाई को जारी रखेगी।
इस मामले में कांग्रेस पार्टी की मांग हैं कि पीड़िता व उसके वकील की उच्च स्तरीय इलाज की व्यवस्था हो, कुलदीप सिंह सेंगर को तिहाड़ जेल स्थानान्तरित किया जाय, बलात्कारी विधायक को विधानसभा से बाहर किया जाये, पीड़ित परिवार को तत्काल एक करोड़ की आर्थिक मदद दी जाये, पीड़िता के चाचा को तत्काल दो महीने के लिए पैरोल पर रिहा किया जाये ताकि वह हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार अपने परिवार में मारे गये सदस्यों का क्रिया-कर्म सम्पन्न करवा सकें।