वसंत पंचमी आज, 144 वर्ष बाद बन रहा है विशेष योग

लखनऊ। वसंत पंचमी का दिन विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है और विधि-विधान से माता सरस्वती की पूजा की जाती है। माता सरस्वती को विद्या, बुद्धि, ज्ञान और विवेक की देवी माना जाता है। इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ भी चल रहा है और बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान भी किया जाएगा। ऐसे में बसंत पंचमी का दिन और अधिक फलदायी बन गया है। इस वर्ष अद्भुत योग में महाकुंभ का आयोजन किया गया है और यह योग 144 वर्ष साल में एक बार ही बनते हैं. इसी के साथ बसंत पंचमी पर भी 144 वर्ष बाद विशेष शुभ योग बन रहे हैं।
वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 11 बजकर 54 मिनट से आरंभ हो रही है, जो अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के हिसाब से बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी को मनाया जाएगा। बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का विधान है। इस दिन आप सुबह 7 बजकर 10 मिनट से लेकर 9 बजकर 30 मिनट तक के बीच मां सरस्वती की पूजा कर सकते हैं।

बसंत पंचमी 2025 शुभ योग
पंचांग के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पंचमी तिथि पर शनि देव सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर पूवार्भाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे। पंचमी तिथि को शिव योग, सिद्ध साध्य योग और रवि योग भी बन रहे हैं।

बसंत पंचमी के दिन करें अमृत स्नान
इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है और महाकुंभ का आयोजन 12 वर्ष के बाद किया जाता है। हालांकि इस बार महाकुंभ के अवसर पर बन रहे योग पूरे 144 वर्ष के बाद बने हैं। महाकुंभ में अमृत स्नान का बहुत महत्व होता है और बसंत पंचमी के दिन भी अमृत स्नान होगा। बसंत पंचमी को संगम नगरी में गंगा यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने से अमृत स्नान के लाभ के साथ-साथ विद्या की देवी मां सरस्वती की कृपा भी प्राप्त होगी और विद्या, बुद्धि और विवेक बढ़ेगा।

कब करें स्नान
बसंत पंचमी की तिथि 2 फरवरी रविवार को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 3 फरवरी सोमवार को सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. 2 फरवरी को बसंत पंचमी का व्रत रखें और 3 फरवरी को संगम स्नान का लाभ लें। 3 फरवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक स्नान का सबसे अच्छा मुहूर्त है. इस समय बन रहे खास योग कई वर्षों बाद ही बनते हैं। इस शुभ मुहूर्त में स्नान से कई गुणा लाभ प्राप्त होगा।

बसंत पंचमी की पूजा का समय
बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा से माता सरस्वती की कृपा प्राप्त की जा सकती है। 2 फरवरी को सुबह 7 बजकर 9 मिनट से शुरू होकर देर रात तक पूजा के लिए शुभ समय है। इसके साथ ही सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक शिव योग रहेगा. इस समय पूजा करने से शिक्षा के क्षेत्र में शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा। इस दिन सुबह पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा और उसके बाद रेवती नक्षत्र लग जाएगा। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा में बच्चों और पढ़ाई कर रहे लोगों को जरूर शामिल होना चाहिए। इससे माता की कृपा प्राप्त होती है और बुद्धि विवेक बढ़ता है। सरस्वती पूजा के दिन बच्चों से पढ़ाई लिखाई से जुड़ी चीजों का दान करवाना भी उत्तम होता है।

बसंत पंचमी महत्व:
इस बार बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी। इस खास पर्व पर मां सरस्वती के पूजन के साथ माता रति और कामदेव का भी पूजन किया जाता है। मान्यता है कि मां सरस्वती के जन्मदिन तथा रति व कामदेव के पृथ्वी पर आगमन के रूप में बसंत पंचमी मनाई जाती है। इसलिए दंपति रति और कामदेव का भी इस दिन पूजन करते हैं, जिससे वैवाहिक जीवन में किसी तरह का कष्ट न आए। मान्यता है कि जो लोग बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करते हैं और उपवास रख श्रद्धापूर्वक उनकी आराधना करते हैं, उन पर मां सरस्वती की विशेष कृपा होती है।

पूजा-विधि:
प्रात: काल स्नान कर पीले, बसंती अथवा सफेद वस्त्र धारण कर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वती का चित्र या मूर्ति रखें। सबसे पहले कलश स्थापना करें। इसके बाद गणेश जी की और नवग्रहों की पूजा करने के बाद मां को सफेद, पीले फूल अर्पित कर श्रद्धा के साथ सरस्वती मंत्र का जाप करें। मां को बेसन के लड्डू, पीली या सफेद मिठाई, केले आदि का भोग लगाकर आरती करें। ासंत पंचमी के दिन विद्यार्थियों को श्रद्धापूर्वक मां सरस्वती का मंत्र ऊं ऐं सरस्वती नम: का जाप करना चाहिए। इससे उन्हें विद्या, विवेक, बुद्धि का लाभ मिलेगा।

मां को पीले व सफेद फूल व मिठाई करें अर्पित:
पं. बिन्द्रेस दुबे ने बताया कि वसंत पंचमी पर मां सरस्वती की सुबह स्नान कर पूजा करनी चाहिए। पूजन में दूध, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू, पीले व सफेद रंग की मिठाई व फूलों को अर्पण करना चाहिए। इस दिन पीले वस्त्र पहनने चाहिए और पीले रंग की खाद्य सामग्री का सेवन करना चाहिए। वसंत पंचमी पर कामदेव और रति का पूजन भी किया जाता है।

इस सरल विधि से घर पर करें पूजन:
सृजन, ज्ञान, संगीत, कला, ज्ञान की देवी सरस्वती मां का पूजन होगा। मां सरस्वती को पीली साड़ियां, पर्दे, मिठाई और फूल अर्पित करें। सरस्वती पूजा चंद्र, ब्रहस्पति, शुक्र और बुध के हानिकारक प्रभावों को काफी हद तक कम कर देती है। घर में सुबह सफाई कर स्नान कर पूजा-अर्चना कर माता का आह्वान करें। मां सरस्वती को आम के पत्ते, केसर, हल्दी, अक्षत, तिलक, कलश, सरस्वती यंत्र, दूर्वा घास भी चढ़ाए। भगवान गणेश की भी पूजा अर्चना करे। विद्यार्थी किताब, कलाकार संगीत वाद्य यंत्र का पूजन करें।

बसंत पंचमी का दिन शुभ कार्यों के लिए अति उत्तम :
बसंत पंचमी का दिन शुभ कार्यों के लिए अति उत्तम माना गया है। इस दिन शादी-विवाह, मुंडन, नामकरण, गृह-प्रवेश व खरीदारी की जाती है। कहते हैं कि इस दिन विवाह के बंधन वाले जातकों को सभी देवी-देवताओं का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और जोड़े का बंधन सात जन्मों तक रहता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का तिलकोत्सव हुआ था। इसलिए यह दिन शादी के लिए काफी शुभ माना गया है।

सफेद मिष्ठान चढ़ाना होगा श्रेयस्कर
पं. बिन्द्रेस दुबे ने बताया कि इस दिन शादी विवाह के शुभ मुहूर्त भी है। इसलिए शादियां भी होंगी। मां सरस्वती को सफेद मिष्ठान चढ़ाना श्रेयस्कर होगा। पीले वस्त्र और पुष्प अर्पति कर मां वागेश्वरी से सद्बुद्धि का आशीर्वाद मांगना चाहिए। इस दिन घरों में पीले-केसरिया रंग के खाद्यान्न चखने से विशेष कृपा मिलती है।

गोमती किनारे व केजीएमयू में आज मनाया जायेगा वसंतोत्सव
लखनऊ। वसंत पंचमी के अवसर पर गोमती किनारे व केजीएमयू परिसर में वसंतोत्सव का आयोजन किया जायेगा। वहीं सनातन महासभा भारत द्वारा 2 फरवरी को गोमती तट स्थित भारतरत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन पर बसंतोत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर पाटी पूजन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा अवध क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा। इस बाबत रविवार को हनुमान सेतु के पास स्थित बाबा नीम करौली आश्रम में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सनातन महासभा के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण ने बताया कि बसंतोत्सव के तहत अखिल भारतीय ब्रह्म समाज पाटी पूजन कार्यक्रम आयोजित करेगा। मां सरस्वती का पूजन होगा। अखिल भारतीय संस्कृति महापरिषद की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। साथ ही महासभा द्वारा बेहतरीन कार्य करने वाले 11 लोगों को सम्मानिक किया जाएगा। इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र शुक्ल, स्वामी आनंद नारायण, स्वामी हरेन्द्र योगी, विकास मिश्रा, सोमेन्द्र सिंह मौजूद रहे।

होंगे विविध आयोजन
ब्राह्मण परिवार की ओर से कानपुर रोड के अवस्थी लॉन में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना होगी। परिवार के अध्यक्ष शिवशंकर अवस्थी ने बताया कि सुबह संगीत के बीच मां सरस्वती की वंदना होगी। बंगलाबाजार के चंद्गिका देवी धाम में विशेष पूजन होगी। महानगर रामलीला मैदान और आलमबाग के मुंडाबीर मंदिर परिसर में सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार होंगे। निरालानगर के रामकृष्ण मठ में सरस्वती पूजा पर धामक आयोजन होंगे। न्यू हैदराबाद स्थित उप्र संस्कृत संस्थान, गोमतीनगर के राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान सहित कई स्थानों पर वसंत पर आयोजन होंगे। रेलवे इंटर कॉलेज आलमबाग में जहां मां सरस्वती की पूजा होगी तो टेक्निकल इंटर कॉलेज में बच्चों के लिए वसंत पर संगोष्ठी की जाएगी।

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