लखनऊ। केंद्र के नीति आयोग की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में राज्य योजना आयोग का पुनर्गठन किये जाने का मसौदा तैयार हो गया है। अब इसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रेजेंटेशन होगा, और उनकी सहमति के बाद इसे कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए भेजा जायेगा।
अपर मुख्य सचिव नियोजन दीपक त्रिवेदी ने नीति आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, उनके अधिकार, शक्तियों और कार्यों की तर्ज पर राज्य नीति आयोग के गठन का मसौदा तैयार किया है। सीएम की अध्यक्षता में गठित होने वाले राज्य नीति आयोग में केंद्र की तर्ज पर उपाध्यक्ष व लगभग आधा दर्जन विभागों के आला अधिकारियों को बतौर सदस्य शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। फिलहाल जो मसौदा तैयार किया गया है, उसके मुताबिक आयोग प्रदेश में विकास की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का चयन करके विकास की गति तेज करने के संबंध में रणनीति तैयार कर उसका प्रभावी क्रियान्वयन कराएगा।
नियोजन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014-15 में केंद्रीय योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया था। उसके बाद नीति आयोग ने तत्कालीन सपा सरकार को प्रदेश में राज्य योजना आयोग की जगह राज्य नीति आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया था। लेकिन सपा सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की। 2017 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य योजना आयोग के तत्कालीन उपाध्यक्ष नवीन चंद वाजपेयी ने इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के साथ ही आयोग स्वत: भंग हो गया।
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार के नीति आयोग की तर्ज पर प्रदेश में भी योजना आयोग का पुनर्गठन करने के निर्देश दिए थे। योगी सरकार में करीब दो साल तक मामला ठंडे बस्ते में रहा। कुछ महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय नीति आयोग की बैठक के बाद प्रदेश का योजना विभाग आयोग पुनर्गठन को लेकर फिर सक्रिय हुआ। इस बैठक के बाद केंद्रीय नीति आयोग की एक टीम सीईओ अमिताभ कांत के नेतृत्व में प्रदेश के दौरे पर आई थी। आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक के दौरान प्रदेश के समग्र विकास के लिए जल्द से जल्द राज्य नीति आयोग के गठन पर जोर दिया था। इसके बाद शासन स्तर पर राज्य नीति आयोग के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, शिक्षा, ग्रामीण विकास, कृषि उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने के लिए लक्ष्य तय करके उनकी प्राप्ति के लिए कार्ययोजना भी तैयार करेगा। साथ ही, आयोग इनोवेशन और निवेश संबंधी क्रियाकलापों को गति देने का भी काम करेगा। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीईओ, सदस्य, उसके अधीन काम करने वाले विभाग, कार्यक्रम सहित अन्य गतिविधियां शामिल की हैं। विभाग ने प्रदेश की स्थिति के अनुरूप कुछ बदलाव के सुझाव भी दिए हैं। विभाग ने नए आयोग के लिए कुछ नाम भी प्रस्तावित किए हैं।
इस मसौदे पर पहले मुख्य सचिव अनूपचंद्र पांडेय के साथ चर्चा प्रस्तावित है। इसके बाद मुख्यमंत्री के सामने इसका प्रेजेंटेशन किया जाएगा। मुख्यमंत्री की हरी झंडी के बाद नए आयोग का विधिवत गठन का रास्ता साफ होगा।