मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का शुभारंभ

  • 4050 निराश्रित बच्चों को मिला 12-12 हजार रुपये का तिमाही भत्ता
  • नॉन कोविड कारणों से निराश्रित हुए बच्चों के लिए लायेंगे नयी योजना : मुख्यमंत्री
  • माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद को राज्यपाल ने किया जनसहभागिता का आह्वान
  • अनाथ बालिकाओं की शादी के लिए मिलेंगे 1,01,000 रुपये
  • विवि में होगी नि:शुल्क पढ़ाई
  • निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण को सरकार ने दी 4.86 करोड़ की राशि

विशेष संवाददाता
लखनऊ। माता-पिता के साये से वंचित बच्चों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा संबल दिया है। सीएम ने कहा है कि जब तक प्रदेश में उनकी सरकार है, तो कोई भी बच्चा अनाथ नहीं हो सकता है। माता-पिता के प्रेम से वंचित हर एक बच्चे के समुचित लालन-पालन, भरण-पोषण, शिक्षा और सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी सरकार की है और यह काम पूरी जिम्मेदारी से किया जायेगा। यही नहीं, कोरोना के कारण जिन बच्चों के माता-पिता का निधन हो गया है, उनके लिए ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू की गयी है, तो अब नॉन कोविड कारणों से निराश्रित हुए बच्चों के लिए भी नयी योजना तैयार की जा रही है। सीएम योगी ने बच्चों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि इनके सपनों को पूरा करने के लिए सरकार हर जरूरी संसाधन मुहैया करायेगी।

 

योगी गुरुवार को कोरोना की विभीषिका में अनाथ हुए बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंधन के लिए घोषित ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ का औपचारिक शुभारंभ कर रहे थे। इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी उपस्थित थीं। राज्यपाल के हाथों 4,050 निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण के लिए पहली तिमाही के 12,000 रुपये उनके बैंक खातों में डिजिटली अंतरित किये गये। योजनांतर्गत पात्र बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप भी प्रदान किया गया। लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि विगत 16-17 माह में न केवल प्रदेश बल्कि पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है। यह हमारा सौभाग्य है कि सदी की इस सबसे बड़ी महामारी के दौरान हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन मिला और भारत इस विभीषिका का सफलतापूर्वक सामना कर पा रहा है। इसके बावजूद बहुत से लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है। कोविड से हुई हर एक मृत्यु पर शोक संवेदना जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी में बड़ी से बड़ी ताकतों की स्थिति भी खराब रही।

 

 

कोविड की पहली और दूसरी लहर के बीच केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किये गये राहत संबंधी प्रयासों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कोविड के कारण निराश्रित हुए बच्चों की पीड़ा को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों से इन बच्चों के भविष्य के लिए नीतिगत प्रयास की जरूरत बतायी थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अस्तित्व में आयी। सीएम ने बताया कि प्रदेशव्यापी सर्वेक्षण में मार्च 2020 से अब तक 240 ऐसे बच्चे चिह्नित हुए हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता (दोनों) अथवा विधिक अभिभावक को खो दिया है, जबकि 3,810 ऐसे बच्चे हैं, जिनके माता, पिता अथवा विधिक अभिभावक का कोविड के कारण निधन हो गया। इन बच्चों की जिम्मेदारी सरकार ने ली है। अभी इन 4,050 बच्चों को 4000 रुपये मासिक भरण-पोषण के रूप में तीन माह की राशि एकमुश्त दी जा रही है। यही नहीं, 18 वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे, जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, उनके लिए भी प्रबंध किये गये हैं। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को टैबलेट अथवा लैपटॉप दिया जायेगा तो बालिकाओं की शादी के लिए राज्य सरकार 1,01,000 रुपये देगी।

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