क्लैट परीक्षा में लखनऊ की अनन्या को 28वीं रैंक

लखनऊ। देश के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए आयोजित कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) का परिणाम में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला। राजधानी के करीब 40 से ज्यादा छात्र उत्तीर्ण तो हुए हैं, लेकिन आल इंडिया मेरिट में वे पिछड़ गए हैं। टॉप 100 की बात करें तो अनन्या तांगड़ी 28वीं रैंक और रोहन श्रीवास्तव 70वीं रैंक के साथ मेरिट सूची में काबिज करने में सफलता प्राप्त की है।

विशेषज्ञों के अनुसार इस बार मेरिट काफी हाई होने की वजह से राजधानी के मेधावी अच्छी रैंक नहीं जुटा पाए। इनके अलावा, आर्यन कुमार मिश्रा ने 118वीं, उत्कर्ष उपाध्याय ने 272वीं, विधि श्रीवास्तव ने 443वीं, आयुषी मिश्रा ने 478वीं, अपूर्वा वर्मा ने 603 रैंक हासिल की है। अनन्या तांगगडी का कहना है कि किसी भी कार्य में निरंतरता, एकाग्रता और सतत मेहनत बेहद जरूरी है। इसी मूलमंत्र का पालन करते हुए मैंने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की। आगे भविष्य में क्या करना है अभी कुछ निश्चित नहीं किया है। मन लगाकर पढ़ना है और इस दौरान अपने पसंदीदा क्षेत्र व विषय की पहचान करूंगी तब अपने भविष्य की राह तय करूंगी।

 

लोरेटो कॉन्वेंट से इंटरमीडिएट की परीक्षा 98.75 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया। प्रवेश परीक्षा की तिथियों में बदलाव से तैयारी में काफी समय मिला। ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दिए और उसके स्कोर का परीक्षण किया। अपनी कमजोरी पर फोकस कर उसमें सुधार किया। दूसरे छात्रों को भी यही सलाह है कि वे रोज पढ़ें और रोज अभ्यास करें। पिता विवेक तांगड़ी कॉलेज संचालक और मां सुगंधा गृहिणी हैं। इसी तरह, रोहन श्रीवास्तव का कहना है कि जब मैं कक्षा 10 में था तभी से मेरा झुकाव विधि क्षेत्र की ओर बढ़ने लगा। मुझे किसी मुद्दे पर लोगों के साथ जिरह करना अच्छा लगता है। स्कूल स्तर पर वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में काफी प्रतिभाग करने लगा। लीगल रीजनिंग भी काफी पसंद आने लगी। यहीं से मुझे महसूस हुआ कि मुझे विधि क्षेत्र में अपना कॅरियर संवारना चाहिए। मुझे कॉरपोरेट लॉ में गहन रूचि है। पिछले साल क्लैट के पैटर्न में बदलाव किया गया था, इस बात को ध्यान में रखकर मैंने अपनी तैयारी की। रीडिंग पर काफी फोकस किया और इसके लिए नॉवेल्स ज्यादा पढ़े। दूसरे अभ्यर्थियों को सलाह है कि वे नोट्स और लर्निंग मैटेरियल को जमकर पढ़ें और खूब टेस्ट दें। पिता अरूण श्रीवास्तव कैनरा बैंक में एजीएम और मां अनीता गृहिणी है। आर्यन कुमार मिश्रा (आल इंडिया रैंक 118) का कहना है कि मैं कई प्रख्यात लोगों से प्रभावित हुआ हूं। उनको मैंने फॉलो करना शुरू किया तब पता चला कि वे अधिकांश विधि क्षेत्र से हैं।

 

तभी से मेरे मन में भी विधि क्षेत्र में अपना कॅरियर संवारने की इच्छा जागी। जीके और क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड ज्यादा स्कोरिंग है। इन दोनों टॉपिक पर ज्यादा फोकस किया। वहीं बाकी विषयों के लिए कोचिंग मैटेरियल से तैयारी की। दूसरे छात्रों को सलाह है कि जो उनके मजबूत विषय हैं उनपर भी बराबर का फोकस करें, इससे स्कोरिंग बढ़ जाएगी। सिद्घार्थ मलिक (आॅल इंडिया रैंक 221) कहते हैं कि यह मेरा तीसरा प्रयास रहा। इससे पहले भी मैंने उत्तीर्ण किया था, लेकिन पसंदीदा यूनिवर्सिटी में सीट न मिलने से दोबारा तैयारी की। इस बार कोलकाता और जोधपुर के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में दाखिला मिलने की उम्मीद है। सफलता के लिए ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दिए जिससे हर तरह के प्रश्नों से अभ्यास हो सके। वहीं जीके पर भी बहुत मेहनत की। यह काफी स्कोरिंग होता है।

 

 

 

दूसरे छात्रों को मेरी सलाह है कि वे ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देकर अपनी कमियों को पहचानें और फिर अभ्यास के जरिए उनको दूर करें। पिता अनिल मलिक रेलवे में हैं और मां रेखा मलिक गृहिणी। आर्यन किशोर (कैटेगरी एससी रैंक दो, आल इंडिया 549) कोरोना की वजह से तैयारी के लिए काफी समय मिल गया। रोजाना दो से तीन घंटे तैयारी करता था। इस दौरान रिवीजन के साथ अभ्यास का भी समय बांध रखा था। अभी इंटर का परिणाम नहीं आया है, लेकिन क्लैट में सफलता प्राप्त कर काफी अच्छा लग रहा है। अभी कुछ सोचा नहीं है, पहले पढ़ाई पूरी करूंगा उसके बाद किसी कंपनी या फर्म में अनुभव प्राप्त करूंगा। दूसरे छात्रों को सलाह है कि वे रोजाना पढ़ाई का समय बांध लें और उतना जरूर पढ़ें। पिता जय किशोर इंजीनियर और मां रितु किशोर गृहिणी हैं। यूं तो राजधानी के करीब 40 से ज्यादा छात्रों ने क्लैट को उत्तीर्ण किया है, लेकिन हाई मेरिट ने छात्रों को आल इंडिया रैंक की रेस में बहुत दूर लाकर खड़ा कर दिया है। इस वजह से छात्रों का श्रेष्ठ राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में दाखिले का सपना टूटता दिखाई दे रहा है।

 

क्लैट परीक्षा के लिए राजधानी में करीब 3200 छात्रों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से करीब 2800 से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा दी। परीक्षा में पिछले वर्षों के मुकाबले प्रश्न थोड़े आसान पूछे गए थे। जिस वजह से मेरिट हाई गई है। एक अंक के अंतर में करीब 65 रैंक तक छात्र मेरिट में शामिल हैं। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया बृहस्पतिवार से शुरू हो गई। चयनित छात्रों की सूची प्रकाशित की गई। 30 जुलाई दोपहर 12 बजे तक छात्रों के आॅनलाइन पंजीकरण कराना होगा। साथ ही 50 हजार रुपये जमा कर सीट लॉक करनी होगी। कम से पांच विकल्प देने होंगे। एक अगस्त से पांच अगस्त तक पहली अलॉटमेंट लिस्ट जारी होने के बाद छात्रों को फीस जमाकर व डॉक्यूमेंट अपलोड कर सीट पक्का करना होगा। वे चाहें तो अपग्रेड का विकल्प भी चयन कर सकते हैं। इसके अलावा नौ व 10 अगस्त को दूसरी अलॉटमेंट लिस्ट के छात्र सीट पक्का करेंगे, 13 व 14 अगस्त को तीसरी सूची, 17 व 18 को चौथी सूची और 20 व 21 अगस्त को पांचवी अंतिम अलॉटमेंट सूची के छात्र सीट पक्का करेंगे।

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