नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार कांड पीड़ित के वाहन से ट्रक की टक्कर के मामले को रायबरेली से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने संबंधी अपने आदेश में शुक्रवार को संशोधन कर दिया। न्यायलय का मानना है कि इस घटना की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इस दुर्घटना में बलात्कार पीड़ित और उसका वकील बुरी तरह जख्मी हो गए थे जबकि पीड़ित के दो परिजनों की मृत्यु हो गई थी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्घ बोस की पीठ ने सीबीआई की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता के इस कथन का संज्ञान लिया कि पिछले रविवार को हुई इस दुर्घटना की जांच अभी जारी है। मेहता ने कहा कि चूंकि दुर्घटना संबंधी इस मामले की जांच अभी चल रही है, इसलिए कानूनी प्रावधानों के तहत इसका स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है। उन्होंने पीठ से अनुरोध किया कि इसकी जांच पूरी होने तक इस मामले का स्थानांतरण विलंबित रखा जाए।
शीर्ष अदालत ने बृहस्पतिवार को जांच ब्यूरो को इस मामले की जांच का काम सात दिन के भीतर पूरा करने का आदेश देने के साथ ही उन्नाव कांड से संबंधित पांच मामले दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित कर दिए थे।